तू आजाद बताता खुद को
नबी गुलाम ये बात बता।
कश्मीरी को कहे बिकाऊ
पर खुद की औकात बता।।
किया गुलामी खानदान का
जो नेहरू ने छोड़ा था।
घाटी से ना जीत सका
तू सबसे बड़ा भगोड़ा था।।
बेच दिया तूने जमीर जब
पाकिस्तानी हाथों में।
देशद्रोह की झलक दिखी है
तेरी ठरकी बातों में।।
कितनी कीमत में तूने
बेची है अपनी आजादी
ऐ गुलाम पाकी पिठ्ठू
कितने में पार्टी बिकवा दी
राजनीति के व्यापारी
तेरी कुछ ऐसी संगत है।
क्रय-विक्रय की राजनीति में
तू सबसे पारंगत है।।
(रचना त्रिपाठी)
Bahut sundar.
ReplyDeleteGood Morning Quotes padhen padhayen, life ko happy banayen.
बहुत खूब
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