Monday, April 21, 2014

अज्ञानता का कहर

मेरी एक क्लोज फ्रेंड का सुबह-सुबह फोन आया- “हेलो, मैने  बहुत जरूरी काम के लिए तुम्हें फोन किया है।”

“कहो! क्या बात है?’’

‘‘मेरे एक बड़े ही घनिष्ट अपनी लड़की के लिए लड़का ढूंढ़ रहे हैं। तुम्हारी नजर में कोई अच्छे घर-खानदान का लड़का हो तो मुझे बताना। बहुत परेशान हैं बेचारे!’’

मैने पूछा- “कैसा लड़का चाहिए, सरकारी नौकरी या प्राइबेट.. लड़की क्या करती है और उसका क्वालिफिकेशन क्या है..? यह पता चल जाय तो उसके अनुरूप लड़का ढ़ूढ़ने में आसानी होगी।’’

उसने कहा- ‘‘बहुत बुरा हुआ उसके साथ; वह तलाक-शुदा है। शादी के सिर्फ चार महीने बाद ही उसका तलाक हो गया।’’

‘‘अरे! ऐसा क्यों हुआ?’’

हिचकते हुए उसने कहा-‘‘उसका पति उसके ऊपर थूक दिया करता था।’’

‘‘लड़के की पसंद से यह शादी नहीं हुई थी क्या?’’

‘‘लड़का-लड़की दोनों को यह रिश्ता मंजूर था।’’

“तब ऐसा क्यों करता था..?”

फिर उसने मुझे पूरी बात बतायी- ससुराल जाने के बाद वह पहले महीने में ही गर्भवती हो गई। वहाँ उसका पीरियड नहीं हुआ। उसके पति को ऐसा संदेह हो गया कि शायद होने वाले बच्चे का पिता वह नहीं कोई और है। वह अपनी पत्नी से घृणा करने लगा। इतनी कि वह बात-बात पर उसके ऊपर थूक दिया करता था। पहले तो निर्दोष लड़की ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन जब मामाला बर्दाश्त के बाहर हो गया तो उसने तलाक लेने का निर्णय ले लिया। उसके बाद उसने अपना एबॉर्शन भी करा लिया। तबसे लेकर आजतक वह मायके में ही है।”

“क्या करती है..?”

“गवरन्मेंट टीचर है!” मैने कहा-“अच्छा!  इसीलिए वह अपने जीवन का इतना बड़ा फैसला स्वयं ले सकी! नहीं तो, जाने कितनी जिल्लत सहनी पड़ती उसको अपनी ससुराल में। शायद इसलिए कहते है कि लड़कियों का स्वावलम्बी होना बहुत जरूरी है! ऐसी जाने कितनी लड़कियां ससुराल में आज भी उपेक्षा की शिकार होती होंगी, जिसमें उनका कोई कसूर नहीं हैं। आज के जमाने में भी लड़को के अंदर कितनी अज्ञानता है.. क्या लड़कियों को ससुराल भेजने से पहले नान-प्रिगनेंसी का मेडिकल सर्टीफिकेट भी देना पड़ेगा..? हद हो गई!”

अज्ञानता का कहरयह अपनेआप में कोई इकलौता केस नहीं है। इसके पहले भी कई लड़कियों के साथ ऐसा हो चुका है। इस तरह के केस में तो कई लड़कियों को जहर देकर मार दिया गया है, तो कहीं लोक-लाज के भय से गर्भपात कराया जा चुका है। कुछ स्त्रियां तो आज भी अपनी आँखों में  अपमान का दर्द लिए जी रहीं हैं। वह खुद भी यह नहीं जानती कि आखिर, इसमें उनका गुनाह क्या है..?

हमारे समाज के कुछ हिस्सो में आज भी यह एक बहुत बड़ा दोष है जिसका दुष्परिणाम लड़कियों को भुगतना पड़ रहा है। इस तरह की घटना सिर्फ कम पढ़े- लिखे वर्गों में ही नहीं है बल्कि अच्छे पढ़े-लिखे लोगों में भी इस तरह की अज्ञानता देखने को मिल रही हैं।

(रचना त्रिपाठी)   

9 comments:

  1. इन परिस्थितियों से गुजरती लड़की पर ही कहानी लिख रही हूँ इन दिनों !

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  2. दुखद है यह अज्ञान!

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  3. ओह दुखद! आज भी हम एक आदिम समाज में रह रहे हैं ! विचारमग्न करती पोस्ट!

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  4. सच ,आज लड़को को शिक्षित करने की सख्त जरुरत है । स्वावलम्बी लड़कियों के लिए जरुरी है किंतु तलाक भी एक मात्र विकल्प नहीं है आज कल तलको की संख्या बढ़ती जा रही है और ऐसे ऐसी कारण होते है है की आश्चर्य होता है हमारे एक परिचित की बेटी की शादी ऐसे बिगड़ैल बेटे से माँ ने कराई की उनका बेटा सुधर जायेगा बेटा क्या खाक सुधरता और एक बेटी की जिंदगी से खिलवाड़ कर दिया वो तो लड़की पढ़ी लिखी थी और उसने और उसके माता पिता ने त्वरित निर्णय ले लिया जल्दी से अलग रहने का ।

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  5. Ascharya ki baat yah hogi ki un durjan ke paas is ghatana ko janane wale hi doosre vivah ke prastav prasannta se le ja rahe honge, is baat se befikra ki uski soch kitani ghatiya darje ki hai.

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  6. इस मानसिकता के व्यक्ति पढ़े - लिखे नहीं मात्र अक्षर ग्यान पाये हुए और डिग्री धारक होते हैं .... संवेदनाओं के स्तर पर तो रिक्त ही होते हैं .....

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  7. well written post i think you should post such posts on naari blog if you want i can send a invite please email me on indianwomanhasarrived@gmail.com

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  8. परिस्थितियाँ क्या न करवाए ........

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  9. दुखद...
    बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती पोस्ट

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