Wednesday, December 4, 2013

पुलिस की रासलीला

जानलेवा हमले और बलवा कराने के आरोप में उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा को पकड़ पाने में असफल रहने पर कोर्ट ने उनकी संम्पत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। अब खबर छपी है कि विधायक जी को गिरफ्तार करने में असफल रहने वाली पुलिस विधायक जी के घरपर आयोजित ऐटहोम समारोह में बाकायदा मौजूद थी और राज्य सरकार के कद्दावर मन्त्री शिवपाल सिंह यादव जी भी दावत में शामिल थे। दैनिक जागरण की आज (03 दिसंबर) की इस खबर को पढ़कर यह तो स्पष्ट दिख रहा है कि यह सरकार सिर्फ गुंडों-मवालियों की खैरख्वाह होकर रह गयी है।

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जिन पुलिस वालों को रविदास मेहरोत्रा को गिरफ्तार करना चाहिए था वे उन्हीं के कूचे में बैठे दावत उड़ा रहे थे। यह देखकर अखबारों में छपी इन खबरों पर भी विश्वास करने का मन करता है कि कथित तौर पर पुलिस को चकमा दे रहे नारायण साईं को भी किसी न किसी सत्ता प्रतिष्ठान का आश्रय प्राप्त है।

अपराधी और नेता की रासलीला में पुलिस की भूमिका गोपियों की तरह लगने लगी है। अपराधी आए दिन लूट, हत्या, बलात्कार जैसी घिनौनी हरकतें किए जा रहे हैं; और पुलिस उनके इस अपराध में खड़ी मूकदर्शक बनी मुस्कराती और उनके द्वारा दिये गये लूट के हिस्से का लुत्फ उठाती रहती है।

जनता भी आँखों-देखी मक्खी निगलने को मजबूर है; और कर भी क्या सकती है भला! जिसे आम लोग अपना रखवाला मानते है,वह पुलिस खुद अपराधियों के गिरोह में शामिल हो गयी है। ऐसे में अपने समाज के हितों के बारे में सोचने के लिए आम जनता की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है जिसका निर्वहन उसे करना ही चाहिए। लेकिन कैसे करे? अगर आम जनता उन पुलिसवालों केनिलम्बन की मांग करती है तो क्या शासन उस पर कार्यवाही करेगा? शायद नहीं। जब सरकार की ऊँची पायदान पर बैठे एक वरिष्ठ मंत्री ही उस वांछित अपराधी के साथ गलबहियाँ डाले दावत उड़ाते देखे गये तो भला उन पुलिस वालों को क्या दोष दें?

(रचना त्रिपाठी)

6 comments:

  1. Hahahaha...sahi kaha apne...mujhe lagta hai ye sare ek hi pahiye ki tilliya hain..jo miljul ke jurm, bhrastachar aur beimani rupi rath ko apni puri masti me chala rahe hain..qki kisi ek ke bina dusre ka kam nai chalna.....

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  2. सही लिखा।

    वैसे पुलिस शायद "अपराध से घृणा करो, अपराधी से नहीं" वाली बात मानती होगी। उसको लगता होगा गिरफ़्तारी तो हो ही जायेगी। आज नहीं तो कल। लेकिन एट होम रोज-रोज कहां होता है। सो लगा लिये प्लेट। :)

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  3. पूरी खबर यहाँ पढ़ें:
    http://epaper.jagran.com/ePaperArticle/03-dec-2013-edition-LUCKNOW-page_1-4173-9295-11.html

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  4. सलिल वर्मा जी के अनूठे अंदाज़ मे आज आप सब के लिए पेश है ब्लॉग बुलेटिन की ७०० वीं बुलेटिन ... तो पढ़िये और आनंद लीजिये |
    ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन 700 वीं ब्लॉग-बुलेटिन और रियलिटी शो का जादू मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. पुलिस के साथ चोरों की मिली भगत हमेशा रहेगी , अब राजनेता भी शामिल हो गए हैं !

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  6. पानी सर के ऊपर बह रहा है

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