Monday, April 6, 2020

पुकार में दम है।

मोदीजी, आप ने देख ही लिया कि देश की जनता आपकी पुकार पर कुछ भी करने को तैयार है। इसलिए आप सावधान हो जाइए। 
जनता तो ठहरी भोली-भाली! आप जितना करने को कहेंगे हमेशा उससे चार कदम आगे ही कर के धर देगी। बारह-तेरह दिन हो गए लॉक-डाउन हुए - इस दौरान घर बैठकर इसने जितना खाया है उतना कहीं खर्च नहीं हुआ है। सारी ऊर्जा इकठ्ठा होकर कसमसा रही है। कल आपने एक-एक दीपक, मोमबत्ती या टॉर्च जलाने को कहा था और लोगों ने पूरा आकाश ही रौशन कर दिया। गगनचुम्बी आतिशबाजी की चकाचौंध देर तक इनकी बढ़ी हुई ऊर्जा का प्रदर्शन करती रही। इससे पहले आपने कहा था कि घर के खिड़की, दरवाजे या बालकनी से ही ताली-थाली बजायी जाय। लेकिन उत्साही जनता ने घंटा-घड़ियाल, ढोल-मजीरा, तुरही-भोंपू और शंख-पिपिहरी बजाते हुए पूरा जुलूस ही निकाल दिया।

ऐसे में मेरा आपसे एक अनुरोध है। आपको अपनी प्रजा से कुछ भी करवाना हो तो उससे थोड़ा कम करके बताइए। तभी बात बनेगी। आप कहेंगे मेरे प्यारे देशवासियो! योग करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है, आज आप सावधान की मुद्रा में खड़े रहिये तो जनता शीर्षासन करने लगेगी। कहीं आपने उसे गलती से शीर्षासन करने को कह दिया तो वे पूरा आसमान अपने सिर पर उठा लेगी। आप अब जान ही लीजिए। इस समय जनता हनुमान जी की तरह संजीवनी की तलाश में पूरा पहाड़ उखाड़कर अपने सिर पर उठा लेने को तैयार बैठी है। बाकी आपको क्या बताना! समझदार तो गजब के हैं। अद्भुत टाइप।

सोचा इतना कह दें, वैसे तुम्हरी लीला तुमही जानों। 🙏
(रचना त्रिपाठी)

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