tag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post4921214052710062744..comments2024-02-20T18:32:58.638+05:30Comments on टूटी-फूटी: चींटी की खटिया खड़ी, टिड्डा करता मौज... कहानी में ट्विस्ट है...!रचना त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/12447137636169421362noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-77809014804647812972018-09-06T09:41:48.451+05:302018-09-06T09:41:48.451+05:30अद्भुत!
अद्भुत!<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04586099839756889035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-46196784829567591512015-06-15T16:13:51.161+05:302015-06-15T16:13:51.161+05:30Actually, Tidda is very hard working... There are ...Actually, Tidda is very hard working... There are getting improve day by day... What are mentioned in blog is just a frustation feel by so call Ant.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-36693282968667335822009-07-28T19:32:16.832+05:302009-07-28T19:32:16.832+05:30अद्भुत!!
इतना उच्च स्तरीय व्यंग और इतने सादगी से ...अद्भुत!!<br /><br />इतना उच्च स्तरीय व्यंग और इतने सादगी से लिख गयीं आप. साधुवाद. <br /><br />नामों की जो पैरोडी है, वह सटीक है.आप यूं ही लिखती रहें.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-733761221997744422009-07-13T08:38:36.033+05:302009-07-13T08:38:36.033+05:30अद्भुत नव प्रस्तुति !अद्भुत नव प्रस्तुति !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-92132305872314837622009-07-11T20:52:13.177+05:302009-07-11T20:52:13.177+05:30अंग्रेजी वाला तो हमने भी पढ़ा था पर इसकी तो बात ही...अंग्रेजी वाला तो हमने भी पढ़ा था पर इसकी तो बात ही कुछ और है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-3650689884714750342009-07-11T12:44:04.778+05:302009-07-11T12:44:04.778+05:30वाह, अंग्रेजी की ई-मेल में वह आनन्द न था जो इस पोस...वाह, अंग्रेजी की ई-मेल में वह आनन्द न था जो इस पोस्ट में आया। अन्धमति/मायाजटि/बाधा डालेकर - वाह! सटीक!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-65439005791807428402009-07-10T22:00:12.631+05:302009-07-10T22:00:12.631+05:30इस कथा के जरिये अच्छा चित्रण .इस कथा के जरिये अच्छा चित्रण .डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-42362142700498464562009-07-10T21:55:25.478+05:302009-07-10T21:55:25.478+05:30वर्तमान राजनीति ने आरक्षण के मूल उद्देश्य को भटका ...वर्तमान राजनीति ने आरक्षण के मूल उद्देश्य को भटका दिया है। इसका लाभ अब वास्तव में पिछड़े और वन्चितों को नहीं मिल पा रहा है। कुछ गिने चुने लोग इसका लाभ पीढ़ी दर पीढ़ी उठाते हुए सम्भ्रान्त वर्ग में शामिल हो चुके हैं। उनका एक दबाव समूह बन चुका है जो आरक्षण के लाभ के लालच में पड़कर उसका प्रसार समाज के हर क्षेत्र में करना चाह रहा है। परिणामस्वरूप गुणवत्ता और प्रतिभा का मखौल उड़ाते हुए हम दोयम दर्जे का समाज और देश गढ़ते जा रहे हैं।Malayahttps://www.blogger.com/profile/00391978161610948618noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-65692172651794658752009-07-10T08:10:45.073+05:302009-07-10T08:10:45.073+05:30इस बोध कथा का कॉर्पोरेट ट्रेनिंग में भी उपयोग होता...इस बोध कथा का कॉर्पोरेट ट्रेनिंग में भी उपयोग होता है। खालिश और सामयिक भारतीय स्पर्श दे आप ने इसको और अर्थगर्भित कर दिया है। बधाई।<br /><br />नेताओं के चुने गए 'उपनाम या कटाक्ष नाम' तो अद्भुत हैं। मजा आ गया। 'धनदोहन' नाम को मान्यता देने के लिए धन्यवाद।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-71757543228280281322009-07-10T07:38:57.560+05:302009-07-10T07:38:57.560+05:30वाह..लाजवाब लिखा. आप जल्दी से हटाईये इसे वर्ना कोई...वाह..लाजवाब लिखा. आप जल्दी से हटाईये इसे वर्ना कोई साम्यवादी ब्लागर आकर आपको पूंजीवादी ब्लागर घोषित कर देगा और फ़िर मुश्किल खडी कर देगा,:)<br /><br />आपने बहुत ही सशक्त तरीके से हमारी भर्ष्ट नीतियों और उन अर अपनी रोटी सेकने वालों की मनोदशा उजागर की है और आप इस आलेख के जरिये अपने इद्देष्य में सफ़ल रही हैं. आज मैं आपका फ़ोलोवर बन रहा हूं और आपको नमन करता हूं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttp://taau.taau.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-68513805433819444092009-07-10T06:53:29.626+05:302009-07-10T06:53:29.626+05:30बात कहने का एक अलग अंदाज। मजेदार पोस्ट। वाह।
सादर...बात कहने का एक अलग अंदाज। मजेदार पोस्ट। वाह।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-76456951269598771332009-07-10T05:39:47.866+05:302009-07-10T05:39:47.866+05:30गज़ब संदेश वाहिनि पोस्ट है.अंग्रेजी मे कुछ ऐसा ही म...गज़ब संदेश वाहिनि पोस्ट है.अंग्रेजी मे कुछ ऐसा ही मिलता जुलता ईमेल मिला था मगर यहाँ जबरदस्त खुलासा है. आनन्द आ गया. आभार आपका.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com