tag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post8206796507086010094..comments2024-02-20T18:32:58.638+05:30Comments on टूटी-फूटी: रक्षक ही बने भक्षकरचना त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/12447137636169421362noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-54723358447044081012014-06-29T16:15:50.420+05:302014-06-29T16:15:50.420+05:30यह तो हद है -आपने यह पोस्ट लिखकर अपना कर्तव्य निभ...यह तो हद है -आपने यह पोस्ट लिखकर अपना कर्तव्य निभा दिया है -<br />मुझे लगता है इसकी नोटिस कोई कंसर्न वाला तो लेगा !<br />Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-23857041460732365522014-06-27T10:08:03.200+05:302014-06-27T10:08:03.200+05:30आम आदमी की मरन है।
भारतीय नौकरशाही में सामंती संस...आम आदमी की मरन है।<br /><br />भारतीय नौकरशाही में सामंती संस्कार हैं। जो अधिकार उसको सेवा के लिये मिले हैं उनको वह मजबूतों की स्तुति और कमजोर को पीडित करने के लिये इस्तेमाल करती है।<br /><br />अच्छी पोस्ट है।अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-45488084034863554072014-06-26T10:25:13.154+05:302014-06-26T10:25:13.154+05:30चयन और भर्ती के लिये अन्य सेवाओं के मुकाबले ज्यादा...चयन और भर्ती के लिये अन्य सेवाओं के मुकाबले ज्यादा रिश्वत पुलिस भर्ती में दी जाती है। उसके बाद मनमुताबिक क्षेत्र में पोस्टिंग के लिये भी। इतनी इन्वेस्टमेंट करने के बाद यही तरीके तो बचते हैं पुलिस के पास रिवेन्यू के।<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.com