tag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post3683013586721837145..comments2024-02-20T18:32:58.638+05:30Comments on टूटी-फूटी: हाउसवाइफ मतलब हरफ़नमौलारचना त्रिपाठीhttp://www.blogger.com/profile/12447137636169421362noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-86751995653443074232014-04-05T10:29:43.004+05:302014-04-05T10:29:43.004+05:30 सोचने पर विवश करती है पोस्ट सोचने पर विवश करती है पोस्टसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-73235467349113091182014-01-20T18:25:19.484+05:302014-01-20T18:25:19.484+05:30भारतीय परिवारों -सामाजिक संरचना में हाऊस वाईफ के ल...भारतीय परिवारों -सामाजिक संरचना में हाऊस वाईफ के लिए किये गए योगदान को कभी भी गम्भीरता पूर्वक नहीं लिया गया है! <br /> आपकी पोस्ट सोचने पर विवश करती है !<br />Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-72560259257898826212014-01-19T09:52:35.552+05:302014-01-19T09:52:35.552+05:30मेरी टिप्पणी थी- “हाउस वाइफ होना कौन सा क्वालिफिके...मेरी टिप्पणी थी- “हाउस वाइफ होना कौन सा क्वालिफिकेशन है? घूरा- गन्हउरा टाइप महिलाएं भी हाउसवाइफ हो जाती हैं। यह ऑक्युपेशन तो बाई डिफाल्ट मिल जाता है।”<br /><br />मैं अभी भी इसपर कायम हूँ। हाउसवाइफ होने के लिए कोई अलग से पढ़ाई नहीं करनी होती और न ही कोई परीक्षा लेकर प्रमाणपत्र दिया जाता है। प्रायः सभी लड़कियों की शादी हो ही जाती है। यदि वे खुद ही मना न कर दें। शादी होते ही हाउसवाइफ का जॉब मिल ही जाता है-बाई डिफाल्ट।<br />हाँ, एक ‘सफल’ हाउसवाइफ बनने के लिए बहुत से पापड़ बेलने पड़ते हैं, उसके बावजूद यदि घर के दूसरे सदस्यों का सहयोग न मिले तो उसकी सफलता सदैव संदिग्ध बनी रहती है।<br />मैं यह भी मानता हूँ कि एक सफल हाउसवाइफ़ होना राजनीति के क्षेत्र में भी सफल होने कॊ कोई गारंटी नहीं है। एक फिल्मी डायलॉग का सहारा लूँ तो कहूँगा कि एक हाउसवाइफ़ नेता बनने के लिए सारी काबिलियत तो ला सकती है लेकिन वह कमीनापन कहाँ से लाएगी।<br />सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-25192882574146486862014-01-19T08:47:01.809+05:302014-01-19T08:47:01.809+05:30सही कहा आपने। घर चलाना सरकार चलाने से कम कठिन नहीं...सही कहा आपने। घर चलाना सरकार चलाने से कम कठिन नहीं होता।<br />महिलाओं की सहज बुद्धि अच्छी होती है। वे चुनाव लड़ने की उपयुक्त पात्रा होती हैं। <br /><br />बढिया लेख।<br />अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-10242330501673454642014-01-18T20:35:15.356+05:302014-01-18T20:35:15.356+05:30Excellent. My wife is also impressed with the cont...Excellent. My wife is also impressed with the contents of the article. Now it's time for Siddarth Babu to react on his comment.Rajeev Sharmahttps://www.blogger.com/profile/05317629283389872742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-4294378211447880602014-01-17T11:29:38.174+05:302014-01-17T11:29:38.174+05:30bilkul sahi kaha...sateek prastuti....par fir bhi ...bilkul sahi kaha...sateek prastuti....par fir bhi hum house wifes ko kam hi anka jata hai....Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-37199667548213022332014-01-17T09:11:57.523+05:302014-01-17T09:11:57.523+05:30"रही बात पॉलिटिक्स की, तो पहले एक संयुक्त परि..."रही बात पॉलिटिक्स की, तो पहले एक संयुक्त परिवार में सास-ननद, देवरानी-जेठानी, चाची-बुआ, देवर-भसुर-ससुर और न जाने कितने चचेरे-ममेरे-फुफेरे रिश्तों के साथ निबाह कर और अब अपार्टमेंट की सोसायटी में रहकर थोड़ी-बहुत पॉलिटिक्स का अनुभव और ज्ञान भी रखने लगी हूँ।" sach me aanand aa gaya aapko padh kar ,ab follow karungi ,likhati rahiyega :) Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-83337323629127564072014-01-16T17:28:38.735+05:302014-01-16T17:28:38.735+05:30वैसे तो आपने जो आधार गिनाए हैं वह योग्यता के लिहाज...वैसे तो आपने जो आधार गिनाए हैं वह योग्यता के लिहाज़ से काफ़ी नहीं, कुछ अधिक ही हैं, पर बुनियादी बात ये है कि योग्यता के आधार पर चुनाव लड़े कहां जाते हैं और योग्यता के आधार पर वोट ही कौन देता है? इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1250026273991753826.post-24729553554790145992014-01-16T15:22:33.688+05:302014-01-16T15:22:33.688+05:30बहुत से कामकाजी स्त्री /पुरुषों को देख कर लगता है ...बहुत से कामकाजी स्त्री /पुरुषों को देख कर लगता है कि इनसे तो हम गृहिणियां लाख बेहतर/स्वतंत्र हैं। वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com